मनिकरण घाटी, कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थल कसोल के पास गुरुवार 22 मई दोपहर एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब पार्वती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और दो लोग नदी में बह गए।
स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना मनिकरण घाटी में हुई जब दोपहर के समय पार्वती नदी का बहाव तेज हो गया। इस दौरान दो लोग पानी की चपेट में आकर बह गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को दी। राहत और बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है। मृतक की उम्र लगभग 30 वर्ष बताई जा रही है और वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला हो सकता है, हालांकि उसकी पहचान की पुष्टि अभी नहीं हुई है।
कुल्लू के अपर जिला मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार ने बताया कि दूसरे व्यक्ति की तलाश जारी है।
क्या पार्वती परियोजना से पानी छोड़े जाने के कारण हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार, यह घटना पार्वती-2 जलविद्युत परियोजना द्वारा सुबह के समय जलाशय से पानी छोड़े जाने के बाद हुई। हालांकि, इस बात की पुष्टि जांच पूरी होने के बाद ही की जा सकेगी कि दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध है या नहीं।
एडीएम अश्वनी कुमार ने कहा कि यह पता लगाने के लिए एक मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं कि क्या पानी छोड़ने से पहले उचित चेतावनी और अलर्ट प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। कुल्लू एसडीएम को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यटकों और स्थानीयों के लिए चेतावनी
प्रशासन ने कसोल, मनिकरण और पार्वती घाटी आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे नदी के किनारे न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। अचानक जलस्तर बढ़ने की संभावना बनी रहती है, जिससे जान का खतरा हो सकता है।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर हिमाचल के खतरनाक नदी क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की जरूरत को रेखांकित करती है। प्रशासन की तरफ से जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि क्या इस हादसे से पहले जरूरी चेतावनी दी गई थी या नहीं। पर जिनकी जान इस हादसे में गई है वो क्षति पूर्ति कभी एनएच हो पाएगी, अगर प्रशासन से ये गलती हुई है तो प्रशासन सिर्फ अपनी गलती से सबक लेके आगे होने वाले हादसों को रोकने के लिए कुछ कारगर कदम उठा सकता है पर जिनकी जान इस हादसे में गई है वो कोई वापिस नहीं ला सकता, जो की बहुत दुखद है।